अपने पढ़ाए बच्चे
जब बड़े हो जाते हैं
खुद अपने पैरों पर
खड़े हो जाते हैं
गौरवान्वित करते हैं हमें
हमारे अरमानों को
पंख लगा देते हैं
सपनों में सुंदर रंग
भर देते हैं
ये बच्चे हमें
विश्वास दिलाते हैं
बेहतर वर्तमान और
सुरक्षित भविष्य का
इन बच्चों के कंधों
पर सुरक्षित लगता है
देश का भविष्य
मिलने पर
बोलते हैं-
हमें याद है
आपका दिया नारा-
“कलम की ताकत
सच्ची विरासत"
ये बच्चे कलम पर
मेरे भरोसे को और ज्यादा
पुख्ता करते हैं।
सर्वाधिकार@बिभा कुमारी