जीवन एक लम्बी कविता
जब …
मेरी
अनदेखी होती है
मैं
काम की
गति और
गुणवत्ता बढ़ाने
के लिए
दिन-रात
एक कर देती हूँ
जब..
प्रशंसा
होती है
मैं कानों को
बंद कर लेती हूँ
जब..
निंदा होती है
मैं त्रुटि-सुधार
के लिए
साधना करती हूँ
जब…
मेरे या
किसी अन्य के साथ
अन्याय होता है
मैं और
प्रतिबद्ध हो
उठती हूँ
न्याय के प्रति
जब...
मेरी तरफ
बढ़ता है
मित्रता का हाथ
मैं उसे
चहककर
थाम लेती हूँ
जब...
मिलता है प्रेम
भावविभोर
हो जाती हूँ
जब...
मुझपर भरोसा
किया जाता है
मैं नतमस्तक
होकर
विनम्रता
और जिम्मेदारी
के भाव से
भर जाती हूँ
एक कवि
होने का
कर्तव्य
निभाऊंगी मैं
अपनी आखिरी
साँस तक
इस जीवन
को मैं
एक लम्बी कविता
की तरह
पढ़ने-समझने
का प्रयत्न
करती हूँ
कभी नहीं
ऊबता मेरा मन
इसमें डूबने से
क्योंकि कविता
की व्याख्या
अनन्त होती है।