माँ भी किसी का बच्चा है
महिमा और
बखान की परतें
उघाड़ कर
कभी देखना
माँ भी
एक इंसान है
उसे भी
दर्द होता है
थकती है वह भी
उसका भी
मन करता है
कोई पूछ ले
एक बार हाल
वो शिकायत
नहीं करती है
उफ्फ तक
भी नहीं बोलती
बच्चों की पसंद का
ध्यान रखती
अपनी पसंद
भूल जाती है
माँ से मिले
सुखों को
प्राप्त करते हुए
क्या हम
याद रख पाते हैं
कि
माँ भी
किसी का बच्चा है।
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