Monday 2 January 2023

अनारकली

 अनारकली


उधड़ती जा रही

कुर्ती की किनारी

खुलती हेम

निकलते धागे वाले

दामन से

रिसते सूत संभालती

काम पर निकलती 

अनारकली

सकुचा जाती है

सामने से

अनारकली सूट में

आती बड़ी कोठी की

मालकिन को देख

कहने को होती है

अब तो दिलवा दो न भाभी

मुझे भी एक

नया अनारकली सूट

हाँ यह बात

दीगर है कि

मेरे तन पर

अभी भी

आपका ही दिया सूट है

-"आ गई अनारकली

जा जल्दी जा

अम्माँ को चाय देकर

साहब का ब्रेकफास्ट

लगा देना

लंच में

मेथी मटर की सब्जी

और आलू का पराठा

दे देना,

हाँ दूध चढ़ा है गैस पर

वह भी देख लेना

मुन्ना सोया है अभी

तब तक

सारे काम निबटा ले

अभी फटाफट

अरे तू है तो

मेरा घर- परिवार

चल रहा है"

होठों में उलझ गए शब्द

भाभी एक नया

अनारकली सूट

बिल्कुल आप जैसा

कार के दरवाजे बंद

होने की ध्वनि में

छुप गई

उसकी आवाज

कि चौरसिया पान कॉर्नर पर

उससे भी

ऊँची ध्वनि में

बज उठा-

अनारकली डिस्को चली

पोंछा लगाती

अनारकली

सपने में खो

गई है

हाँ वह है

अपने सलीम सँग

बिल्कुल नए

अनारकली सूट में।


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