नानी कहती हैं
नानी कहती हैं
बेटियों के लिए
ज़माना
कभी नहीं
बदलता
उनकी नानी
कहती थीं
बेटियों को
हमेशा रखा जाता है
डर के साये में
अम्माँ कहती हैं
बेटियों को
कभी नहीं मिलती
जी भर
जीने की फुरसत
मैं पूछती है
उन सबसे
आखिर
आपलोग
कब तक
चलती रहना
चाहती हैं
उसी लीक पर
कब तक
बनी रहना
चाहती हैं
लकीर का
फ़कीर
जरा गौर
से देखिए
मेरी आँखों में
समुद्र की गहराई
और
आकाश की
ऊँचाई
एक साथ
समा सकती हैं
सिर्फ और सिर्फ
बेटियों की
आँखों में
खोलिए न
अब तो
अपनी पलकें
खोलिए न।
सर्वाधिकार@ बिभा कुमारी
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