सुबह की किरणें
समुद्र से
गहरा दर्द
नन्हें से दिल को
छलनी कर
छलकता है
आँसू बन
ओस भींगी
पंखुड़ी
खिल रही
सुबह की
स्वर्णिम किरणों
सँग
कहते हैं
धूप में
ऐसी ऊर्जा होती है
जो दुख
हर लेती है।
No comments:
Post a Comment