अधिकार और कर्त्तव्य
इंसान सीढी नहीं
कि उस पर
पाँव रख
ऊपर चढ़
भुला दिया
जाय
इंसान टिश्यू
पेपर नहीं कि
मुँह-हाथ
पोंछ
डस्टबिन में
डाल दिया जाय
इंसान
छतरी भी
नहीं कि
स्वयं को
छुपाने के लिए
उसकी आड़
ली जाए
इंसान
निवाला
नहीं कि उसे
निगल लिया जाय
इंसान
बर्तन-बासन नहीं
गाड़ी नहीं
चश्मा नहीं
वह इंसान है
खालिस इंसान
जिनसे
निभा सको तो
निभा लेना
इंसानियत
बस इतनी
ही तो है
एक इंसान की
दूसरे इंसान से
न्यूनतम
और अधिकतम
अपेक्षा
जो न निभा
सको यह
तो करना
इतना बस इतना
कि इस्तेमाल
न करना
कभी किसी
मासूम इंसान
की मासूमियत का
जो रखते हो
किसी पर अधिकार
देते हो
कभी प्यार
कभी ढिठाई से
आदेश
तो भूलना मत
अधिकार के
सिक्के का दूसरा पहलू
है कर्तव्य।
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