Sunday 27 November 2022

छवि का बरगद

 छवि का बरगद


अक्सर कविगण

लड़ पड़ते हैं

आपस में

उन्हें स्वयं

से बड़ा कोई

दिखता नहीं

अपनी विराट

छवि के

बरगद को

सींचते हुए

किसी दिन

अचानक हृदयाघात

या पक्षाघात

का शिकार

होकर गिरते हैं

और फिर,

कभी उठ नहीं

पाते हैं।


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