. भाव
मेरे हृदय में प्रेम है
उनके लिए
जो मुझे जानते हैं
उनके लिए भी
जो नहीं जानते
उनके लिए
जो मुझे
अच्छा कहते हैं
उनके लिए भी
जो अच्छा नहीं कहते
उनके लिए
जो मुझे प्यार करते हैं
उनके लिए भी
जो मुझसे नफ़रत करते हैं
उनके लिए
जो मेरा स्वागत करते हैं
और उनके लिए भी
जो मेरा तिरस्कार करते हैं
उनके लिए जो
अपना समझते हैं
उनके लिए भी
जो पराया समझते हैं
उनके लिए जो
मित्र समझते हैं
उनके लिए भी
जो शत्रु समझते हैं
उनके लिए
जिन्होंने औचक
खुशियों की बौछार कर दी
उनके लिए भी
जिन्होंने अचानक धोखा दिया
मेरा हृदय
रखता है भाव
अपने अनुसार
इसे सिर्फ
प्रेम का भाव मालूम है
आटे-दाल का नहीं।
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