Wednesday 30 November 2022

अप्सराएँ

 अप्सराएँ


अप्सराएँ

स्वर्ग से नहीं

उतरा करतीं

वे जहाँ

पाँव रखती हैं

स्वर्ग स्वतः

निर्मित

हो जाता है

उनके अदृश्य

पंख

नाप लेते हैं

पल भर में

आकाश

उन्हें

आती है

जीने की कला

धरती पर

जीवन

बाँटती हुई

करती चलती हैं

धन्यवाद

हितैषियों का

जिसे अक्सर

वरदान

समझ लेते हैं लोग

अप्सराएँ

किसी दूर

देश में

नहीं बसा

करतीं

बल्कि

मिल जाती हैं

किसी गाँव-शहर में

ये मिट्टी-पानी

के बीच ही

उगती और

उमगती हैं।


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