Thursday 1 December 2022

स्मृतियों की पिटारी

 स्मृतियों की पिटारी


खूबसूरत पलों की 

खुशियाँ..

संजो लें

इन पलों के

बीतने से पहले

हाथ आते-आते

फिसल जाना

पारे की तरह

खिसक जाना

स्वभाव है

पलों का

लंबे इंतजार

बाद आती हैं

निमिष मात्र

में जाती हैं

समेट लूँ

मुट्ठी, अंजुरी

और आँचल में

कहीं फिर

से न गुजर

जाएँ ये

सुनहरे पल

रखना

संभालकर

स्मृतियों की

पिटारी

ताकि

सनद रहे।


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