आज के लोग
देख कर अनदेखा करना
और कहना
मैंने तो देखा ही नहीं
सुन कर अनसुना करना
फिर कहना
मैंने तो सुना ही नहीं
जान कर अनजान बनना
और फिर कहना
मुझे तो कुछ पता ही नहीं
पहचान कर
अजनबी की तरह
आगे बढ़ जाना
टोकने पर कहना
ओह! तुम हो
मैंने तो पहचाना ही नहीं
हालात कुछ
ऐसे ही हैं
कम्बल में मुँह ढंककर
पीते हैं घी
रो-रोकर
कहते हैं
पैसे ही नहीं हैं।
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