Saturday 24 December 2022

मेरे दादा

 मेरे दादा


मेरे पसीने

और मिट्टी की

गंध कुछ

एक जैसी

लगती है

हाँ ये तो वाज़िब ही है

मेरे दादा किसान जो थे।


No comments:

Post a Comment