तुम विनम्र जो हो
ठोकर मिलेगी
खा लेना
दिल जलेगा
जला लेना
बूंद-बूंद
जल सँभालने
को अपना
दायित्व समझा
फिर भी
मिलेगी उपेक्षा
कोई बात नहीं
सह लेना
इस दुनिया को
जीवन देने
के लिए
तुम हो रहे कुर्बान
फिर भी
करने वाले
कर सकते हैं
अपमान
ये सब
होगा
सहना पड़ेगा
आखिर तुम
विनम्र जो ठहरे
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