Friday 16 December 2022

मेट्रो में1

 मेट्रो में 1


मेट्रो मे घुसते ही 

बंद होने लगे दरवाजे 

डर से चिहुँक 

उठा लखना 

प्रतिक्रिया स्वरूप 

सिकुड़ गए कंधे 

झुक गया सिर 

आँखों के आगे 

पल भर को 

छा गया 

भीषण अंधेरा 

जिसमें 

देख पाया वह 

श्यामा के 

उजले दाँत 

अकस्मात् 

कानों में उभरी 

पायल की 

रुनझुन ध्वनि 

श्यामा जैसे 

यहीं-कहीं हो 

हेलो-हेलो 

सुनकर 

टूटी तंद्रा 

सामने वाला व्यक्ति 

दाँत निपोड़े 

वीडियो कॉल पर 

हँस-हँस कर 

बतियाने में मग्न 

यहाँ आकर लखना 

खो गया भीड़ में 

कोई नहीं पुकारता 

-रे लखना 

कहकर 

आधार कार्ड में अंकित 

लक्षमण प्रसाद 

ऑफिसवालों की 

जुबान पर 

लकी बन कर 

उभरा है 

मेट्रो में 

कैद हो 

सुबह और 

देर रात 

जहाँगीरपुरी से 

इफको चौक के मध्य 

आवागमन 

करता वह 

याद करता है

श्यामा को 

इसी अगहन 

ब्याह लाएगा 

उसे भी दिल्ली 

श्यामा का फेसबुक पर 

स्टेटस अपडेट 

-गॉट मैरिड देख 

उसके पैरों तले 

मेट्रो खिसक कर भी 

बढ़ती रही

अपने ही ट्रैक पर 

बुधना के साथ 

सजी-धजी 

दुल्हन श्यामा

सेल्फ़ी सँग स्टेटस 

ट्रेवलिंग टू सिंगापुर 

लखना रो रहा है 

भरी मेट्रो में 

उसकी ओर 

कोई नहीं 

देख रहा    


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