Tuesday 27 December 2022

साहित्य का जन्म

 साहित्य का जन्म


जब जब

पकी गेहूँ की बालियाँ

झूमती हैं हवा में

मेरे भीतर

जनमती है

एक सुंदर कविता

जब जब

आम की मंजरी

टपकती है

धरती पर

एक महाकाव्य

का श्री गणेश

होता है

जब जब 

पिकी की कूक 

वातावरण में

गूँजती है

पंचम सुर

लेता आकार

इसी प्रकृति से

उपजा है 

काव्य-सौंदर्य

छंद-लय

सुंदर उठान 

तार सप्तक की

यहीं पैदा हुई है

ग्रंथ लिखे

गए सारे

प्रकृति को

पढ़ने के

बाद ही।


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