महानता की गाथाएँ
नवरात्र में कन्या – पूजन
साल के बाकी दिन
उनका बलात्कार
उनकी हत्या
फिर बलात्कारियों
और हत्यारों के
पक्ष में
दलीलें
उनका संरक्षण
एक पंक्ति में
थोड़ी सी निंदा
फिर दिखावे
के लिए
सजा की माँग
फिर निश्चिंतता
फिर उससे भी
हृदयविदारक
बलात्कार और हत्या
फिर दीवारों और
ट्रक के पीछे लिखना
बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ
बेटा मिले भाग्य से
बेटी सौभाग्य से
आदि आदि आदि
वो व्यक्ति है
उसे व्यक्ति
की तरह
क्यों नहीं
जीने देते?
न मिलती किसी को
मुँह छुपाने की जगह
न चुल्लू भर पानी
बोलते जाते हैं
गाते रहते हैं
महानता की
गाथाएँ।
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