Tuesday 20 December 2022

उम्मीद की दस्तक

 उम्मीद की दस्तक


अल्लसुबह..

नई उम्मीद

दस्तक देती

दिलोदिमाग की

दहलीज पर

थकान की चादर फेंक

ओढ़ लेती हूँ

उर्जा की दुशाला

जिधर कोई

झाँकना भी नहीं चाहता

उधर भी

चल पड़ती हूँ

दस्तक पड़ती रहती है

निरंतर

दिल देता रहता है

दिलासा

आएगी नई

सुबह जरूर

उसे देखने को तू

रहे न रहे

पर तेरा प्रयास

व्यर्थ नहीं जाएगा।


No comments:

Post a Comment