Tuesday 27 December 2022

सुंदरतम देश

 सुंदरतम देश


जब खेती करने से

नहीं भरता पेट

कैसे कहें

अपने देश को

कृषि

प्रधान देश

जब नहीं

पहुँच पा रही

मुनिया के हाथों तक

कलम

वह लिए घूम रही

चाय की ट्रे

कैसे लगाएँ

बेटी बचाओ

बेटी पढ़ाओ की टेर

मेरे चारों ओर शिक्षा,

ऊर्जा, जानकारी

और कौशल से लैस युवा

बेरोजगारी की

नदी में तैर रहे

न जाने कितनी

देर और

मार सकेंगे

हाथ-पाँव

कहीं रुक न जाएँ

उनकी साँसें

चिंता से मेरी

ऊपर की साँस

ऊपर

नीचे की नीचे

जहाँ अच्छी बातें

सिर्फ बोलने

के लिए हैं

अमल करने के लिए

सिर्फ क्लेश

वहाँ कैसे बचे

स्वाभिमान

आत्मसम्मान

पर्यावरण प्रदूषित

पर अंतर्मन ही

कहाँ रह सका शेष

जाने कैसा

होता जा रहा

अपना देश

कर्म प्रधान संस्कृति

आज व्याकुल

मन मलिन

उज्ज्वल वेश

लिपे-पुते चेहरे

लाल हरे केश

कहाँ हैं

संत-दरवेश

आओ बचा लें

मानवता, प्रेम

बचा लें

विश्व का

सुंदरतम देश


No comments:

Post a Comment