चित्रकार की नज़र
देखना शहर को
एक चित्रकार की
नज़र से
सड़क पर चलती गाड़ी
ब्रिज पर चलती मेट्रो
किसी कोने में
टंगी तख्ती
किसी दरवाजे
पर खड़ा आदमी
कुछ भी
तो नहीं छूटता
उसकी नज़र से
चित्रकार
कितनी सूक्ष्मता से
देखता उकेरता है
प्रत्येक बारीकी
कितना खूबसूरत
अनुभव है
देखे-अनदेखे
शहर को देखना
एक चित्रकार की नज़र से।
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