Saturday 3 December 2022

चित्रकार की नजर से

 चित्रकार की नज़र


देखना शहर को

एक चित्रकार की

नज़र से

सड़क पर चलती गाड़ी

ब्रिज पर चलती मेट्रो

किसी कोने में

टंगी तख्ती

किसी दरवाजे

पर खड़ा आदमी

कुछ भी

तो नहीं छूटता

उसकी नज़र से

चित्रकार

कितनी सूक्ष्मता से

देखता उकेरता है

प्रत्येक बारीकी

कितना खूबसूरत

अनुभव है

देखे-अनदेखे 

शहर को देखना

एक चित्रकार की नज़र से।


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