Tuesday 20 December 2022

तकलीफ और अट्टहास

 . तकलीफ और अट्टहास


तकलीफ सुबकती रही

कोने में

अट्टहास बीच आँगन में

ठिठियाता रहा

तकलीफ संवारती रही

दूसरों का जीवन

अट्टहास दूसरों की गर्दन पर

चाकू चलाता रहा

तकलीफ दूसरों की

जान बचाने के लिए

कुर्बान होती रही

अट्टहास दूसरों को

कुर्बान कर

अपनी जेबें भरता रहा

तकलीफ जूझती रही

पर पीछे न हटी

अट्टहास आगे बढ़ता रहा

कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा


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