पीतल से सोना
रास्ता संकरा होता गया
गर्दन फँसती गई
शरीर को लचीला
बनाने के जतन
भी कुछ
कम न किए
फिर तन सँग
मन भी
हो चला
कुछ लचीला
प्रत्यास्थता
बढ़ती गई
यूँ पीतल
सोना बनता गया।
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