Tuesday 27 December 2022

कोरोना से पहले

 कोरोना से पहले भी एक दुनिया थी 😊😊


कोरोना से पहले भी

एक दुनिया थी

जहाँ लोगों से

मिलना – जुलना

आम बात थी

दोस्तों की

भरमार हुआ

करती थी

एकांतवास तो

ऋषि – मुनियों

की दिनचर्या थी

बात बात पर

गले मिलने की

परंपरा थी

बिना उसके

हृदय के भावों का

कहाँ होता था

आदान – प्रदान

महफिलें थीं

मुशायरे थे

पनघट तो

छूट गया था पीछे

पर

जमघट थे

सम्मेलन थे

समारोह थे

परीक्षाएँ थीं

कक्षाएँ थीं

अब तो बस

चारदीवारी के

मध्य एकांत में

मोबाईल भरोसे

सारा संचार

इतिहास की

पुस्तकों में

पढ़ेगी अगली पीढ़ी

वो पुस्तक भी

भरसक 

ईबुक होगी

कि

कोविड 19

उर्फ कोरोना

से पहले भी

एक दुनिया थी

जो अरस्तु के कथन

 इंसान

सामाजिक प्राणी है

का सजीव प्रमाण थी।


No comments:

Post a Comment