पराक्रमी मच्छर
दोनों कुहनियों पर
काटने लगते हैं
एक साथ ही
कई-कई मच्छर
जलन और दर्द
का समुद्र
उमड़ता है मन में
उसे जितनी
गालियाँ आती है
दे डालता है
मच्छरों को
पर उन्हें मार
नहीं पाता
घर अटा पड़ा है
मच्छर निवारकों से
रैकेट चलाते हुए
टूटने लगी हैं
कुहनियां
कितनी बार लगी है
तेज करंट
कोई इन
पराक्रमी
मच्छरों का
इतिहास लिख
रहा है कि नहीं?
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