किस तरह मिलें
उनसे
जिन्हें समझने को
हमारे पास
समय नहीं है
किस तरह
मिलें उनसे
जिनके हिस्से पर
हमारी दख़ल है
किस तरह मिलें उनसे
जिनके लिए हमारे
शब्दकोश में
एक शब्द भी नहीं है
किस तरह मिलें उनसे
जिन्हें अबतक
हमने सिर्फ
दुत्कारा है
आखिर किस तरह
मिलें उनसे
जिससे आँख
मिलाने के काबिल
हमने खुद को ही
नहीं छोड़ा है।
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