पहेली सुलझाने को तरकीब चाहिए
कोई न कोई बेहद करीब चाहिए
अकेलेपन की मार से बचा लेती है परछाई
कहानी बयां करने को अदीब चाहिए
आस बँधाने को चले हैं घर से मगर
मुझे आसमां तक पहुंचाने को रकीब चाहिए
बुराइयों के दौर में मुस्कुराना है जी भर
वक़्त का तकाज़ा है कि नसीब चाहिए
जान देना भी तो जाँबाजों का हुनर है
जोंक को भला कहाँ सलीब चाहिए
अमीरी के फलसफों से दिलवालों को क्या
हमख्याल हमसफ़र दिलअज़ीज़ चाहिए
टूट-टूटकर जुड़ेगा तो निशान पड़ेंगे
बिभा जज्बात बचेंगे जाहेनसीब चाहिए।धराऊ
No comments:
Post a Comment