Friday 25 November 2022

उम्मीद की सुबह

 उम्मीद की सुबह


मुस्कुराहट फीकी सी

मनोभावों को

छुपाने की

हर कोशिश

होती नाकाम

आखिर इंसान 

जिए कैसे

उम्मीद की

सुबहें

नाउम्मीदी की

शाम बन ढ़लती है

कोई पल-पल

ज़हर पिए कैसे

एक मेरे

जीने मरने की

बात नहीं है

सबके सब

मर-मरकर

जिए कैसे


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