हृदय की उथल-पुथल
Wednesday 15 March 2017
अकथ्य पीड़ाएँ
तटस्थता का भाव
,
अंतर्द्वन्द्व
,
व्यग्र मन
,
उड़ेल देना चाहता है
,
सब कुछ
,
उनके समक्ष
,
जिन्हें
,
बहुत प्यार
,
विश्वास और
,
अपनापन देती हूँ
,
बहुत कुछ
,
कहती -सुनती हूँ
,
किन्तु कैसे कहूँ
,
अकथ्य पीड़ाएँ।
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