ये पल,
ये क्षण,
आते हैं,
जाते हैं,
दूर.........
बहुत दूर कहीं,
चले जाते हैं।
दे जाते हैं,
कुछ यादें,
अच्छी .....
तो कभी,
बुरी भी,
चलता जाता है क्रम,
भरता जाता है,
यादों का सन्दूक।
जीवन भर,
चलता जाता,
यादों के संग्रह का,
क्रम।
यह नहीं संभव,
कि हर पल की यादें,
अमिट हों,
कुछ पल तो,
खो जाते हैं,
समेटेते हुए भी,
कुछ पीछे छूट जाते
हैं,
जीवन की दौड़ में।
कुछ बिखर जाते,
कुछ टूट जाते हैं,
संभालते-संभालते।
कुछ जिद्दी पल की
यादें ,
दे जातीं ,
ऐसा स्थायी असर,
कि बन जाती-
तन, मन, जीवन का,
अभिन्न अंग।
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