तुम्हारी कमी का एहसास,
किस कदर है,
कहना है मुश्किल!
पर,
तुम्हारी उपस्थिति का आभास,
होता है हर पल।
तुम्हारी छवि,
आवाज,
मन-मस्तिष्क में,
ज्यों की त्यों है,
किन्तु,
तुम्हें.....
देख, सुन और छू
नहीं सकते।
कितनी दूर हो नहीं पता,
लगता है कि,
हो सदैव पास।
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